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नगर निगम अयोध्या के बारे में

अयोध्या नगर निगम की स्थापना 7 जनवरी, 1978 को नगर निगम फैजाबाद से अलग कर के हुई थी । उस समय यह नगर निगम परिषद अयोध्या के नाम से जाना जाता था तथा इसने अयोध्या के नागरिकों को अपनी सेवाएँ देना प्रारम्भ कर दिया ।

बाद में मई, 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्गत एक आदेश के माध्यम से अयोध्या नगर निगम का नगर निगम फैजाबाद में पुन: विलय कर दिया गया, इसके पश्चात नगर निगम अयोध्या व फैजाबाद की सम्पूर्ण कार्यवाही नगर निगम अयोध्या के अधीन आ गई ।

वर्तमान में अयोध्या नगर निगम (म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन) अयोध्या नगर व पूर्ववर्ती फैजाबाद की शासकीय इकाई है । जनपद का नाम नवंबर, 2018 में परिवर्तित किया गया । नगर निगम के सदस्य लोकतान्त्रिक पद्धति से चुने जाते हैं जिनकी अध्यक्षता महापौर द्वारा की जाती है तथा यह नगर की अवसंरचना व जन सेवाओं को सुनिश्चित करता है ।

उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय दो महत्वपूर्ण विधानों द्वारा शासित किए जाते हैं अर्थात उत्तर प्रदेश म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन अधिनियम, 1959 तथा उत्तर प्रदेश म्यूनिसिपैलिटीज़ अधिनियम 1916 । ये दो अधिनियम शासकीय ढाँचा, स्थानिक अधिकार क्षेत्र तथा शहरी स्थानीय निकायों के क्रियात्मक क्षेत्र को उल्लिखित करते हैं ।

हमको कौन नियंत्रित करता है?

हम स्थानीय शासन की एक संस्था हैं तथा हमारे दो प्रभाग है

  • विधानमंडल और
  • कार्यकारी

हमारा विधानमंडल एक शासकीय निकाय है। इस शासकीय निकाय को हमारे भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों द्वारा चुना गया है।

भौगोलिक क्षेत्र को चुनावी वार्डों में विभक्त किया गया है। प्रत्येक वार्ड के लिए एक प्रतिनिधि का चुनाव होता है जो अपने वार्ड की समस्याओं को निकाय को सूचित करके समस्याओं का निस्तारण करता है। अन्य सदस्य जो निकाय को नियंत्रित करते हैं, विधायक, सांसद, नगर आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट।

शासकीय निकाय के लिए चुनाव, राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित किया जाता है। 18 वर्ष से अधिक का कोई भी व्यक्ति निकाय के चुनावों में मतदान करने के लिए पात्र है।

शासकीय निकाय संवैधानिक ढांचे और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित किए गए नियमों के भीतर काम करता है।

हम क्या करते हैं?

राज्य सरकार द्वारा जनता के जीवन को और सुगम बनाने के लिए हमें निर्देशित किया गया है। हमारे कुछ कार्य इस प्रकार हैं :-

  • स्ट्रीट लाइट नेटवर्क की स्थापना और रात्रि में नगर के सभी भागों में प्रकाश की उचित व्यवस्था करना।
  • नागरिकों के लिए जल आपूर्ति नेटवर्क की स्थापना, पानी की पर्याप्त मात्रा की उपलब्धता सुनिश्चित करना व इसे बनाए रखना।
  • रोड नेटवर्क की स्थापना और उसका रखरखाव।